मेरे विच ना गुरु जी गुण कोई
मेरे विच ना गुरु जी गुण कोई औगना दी मैं भरी आ हम मैले तुम उज्वल करते, सरब कला के
मेरे विच ना गुरु जी गुण कोई औगना दी मैं भरी आ हम मैले तुम उज्वल करते, सरब कला के
किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिया दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया रहता था पास
टेर- दरसेगा नूर दिवाने मिलेगा जरूर, साहेव का भजन करले दरसेगा नूर गुरु से अर्ज
राह खुल गया बॉर्डर तो दर्शन कर नानकन जाके वाणी गुरुनानक दी मना पड्या कर चित लाके बेहन नानकी दा
गुरु में संसार समाया उनका है आशीष पाया, प्रभु ने खुद से भी ऊँचा गुरु का है स्थान बताया, ये
भुलैया नु राहे पौंड़ी वाणी बाबे नानक दी, ओ बन्दिया जीवन सफल बनाउँदी वाणी बाबे नानक दी, वाणी दा सत्कार
आज का दिन ये खुशियों भरा जन्मदिवस है मेरे प्रभु का, आज वधाईयां गूंज रही है, जन्म दिवस की आई
चिंता छोड़ के गुरु जी न धया ले कारज सारे रास होंगे, तन रोगी होता मन रोगी होता, चिंता कर
गुरु जी तेरे प्यार के दीवाने आ गये, दीवाने आ गये दीवाने आ गये, मस्ताने आ गये मस्ताने आ गये,
गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा, खाली झोली लेके आवा भर भर लेके जावा गुरु जी दर आके अखियाँ बिछावा,