मुरली सुनाने वाले दिल को बहलाने वाले
मुरली सुनाने वाले दिल को बहलाने वाले ओ मीठे प्यारे प्यारे बाबा, खुद सा बनाने वाले उचा उठाने वाले ओ
मुरली सुनाने वाले दिल को बहलाने वाले ओ मीठे प्यारे प्यारे बाबा, खुद सा बनाने वाले उचा उठाने वाले ओ
सच्चे बादशाह, मेरी बक्श खता मैं निमाणा, तू बेअंत तेरा अंत ना जाना, सच्चे बादशाह, मेरी बक्श खता मैं निमाणा,
मात पिता गुरु चरणों में प्रणवत बारम्बार, हम पर किया बड़ा उपकार,हम पर किया बड़ा उपकार, माता ने जो कस्ट
सतगुरू आँगण आया ऐ सैयां मंगल गावा ऐ, जनम-जनम रा भाग पूरबला,दर्शन पाया ऐ, धूप दीप ले करां आरती,चंवर ढुलावा
दिन चडीआ चल के छिप चलेआ हाले तक आस वी मुकी नही देह बिन हडिया दा पिंजर गई पर नजब
गुरु कृपाजन पायो मेरे भाई, रामबिना कछु जानत नाहीं अंतर राम ही बहार राम ही जह देखों वहां राम ही
कैसे तेरा चुकाऊ उपकार गुरु जी प्यारे मुझपे कर्म है तेरा बेसुमार गुरु जी प्यारे, कैसे तेरा चुकाऊ उपकार गुरु
मेहरा हो गइयाँ मेहरा हो गइयाँ, गुरु जी मेरे आये मेहरा हो गइयाँ, जिथे चरण टिकाये मेहरा हो गइयाँ, गुरु
गुरु वचनो को रखना सँभाल के इक इक वचन में गहरा राज़ है, जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका
दो पल का रेन बसेरा याहा ये जगत मुसाफिर खाना है अभिमान करे काहे बंदे नही याहा पे सदा ठिकाना