
इक लड़ फड़्या गुरु जी तेरे नाम दा
इक लड़ फड़्या गुरु जी तेरे नाम दा, झूठा सारा जग है कोई नहीं काम दा, इक लड़ फड़्या गुरु

इक लड़ फड़्या गुरु जी तेरे नाम दा, झूठा सारा जग है कोई नहीं काम दा, इक लड़ फड़्या गुरु

तू मेरा जीवन आसरा, मेरे शहंशाह, मेरीआं अखिआ दे तारे मैं ता बस हुंण जी रही हां इक तेरे सहारे

चरना दा अमृत पी लो जी सर दाता दे दर रख लो जी चरना दा अमृत पी लो जी गुरु

दर्शन नु दिल तरस रह ऐ, मछली वांगु तड़फ रहा ऐ नीर छमा छम बरस रहा ऐ प्रेम घटा चड

कोई शिष्य गुरु चरणों में जब शिष्य झुकता है, परमात्मा खुद आकर आशीष लुटाता है। गुरु चरणों में पूजन का

दिल में वसी तस्वीर तेरी तूने लिखी तकदीर मेरी, भूल के भूल को तुमने गुरु प्रभु चरणों में अस्थान दिया,

फरयाद मेरी सुन के गुरु देव चले आना करू विनती यही गुरु जी चरनो में जगह देना फरयाद मेरी सुन

गुर जी तेरे चरणों में हर स्वास गुजर जाये, जिस स्वास तुझे भूलू वो स्वसे ठहर जाए, गुर जी तेरे

ना ही सोना चांदी ना खज़ाना चाहिदा, मेनू तेरे चरना च ठिकाना चाहिदा, ठिकाना चाहिदा गुरु जी ठिकाना चाहिदा, मेनू

तेरा मेरा ये रिश्ता पुराना हैं गुरुद्वार ही एक ठिकाना हैं एक साथ तू ही निभाता हैं गुरू शिष्य का