मेरे मन दे मंदिर विच वसेया मेरा गुरु रविदास प्यारा
दिल भागो भाग होया मेरा होया अखिया नु दर्शन तेरा मिट गई भूख प्यास मेरी जद मिलिया तेरा सहारा मेरे
दिल भागो भाग होया मेरा होया अखिया नु दर्शन तेरा मिट गई भूख प्यास मेरी जद मिलिया तेरा सहारा मेरे
गुरू वो साँवरी सूरत हमें फिर कब दिखाओगे बिरह की आग ने हमारा जलाया हैं बदन सारा गुरू के प्रेम
श्री गुरुबर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ , इस जीवन मे उनके दुख का निश्चय ही संघार हुआ
सत्संग दे विच ओना सिख लै गुण सतगुरु दे गौना सिख लै, तू बुलेया दर सतगुरु दा तू फस गए
खुशहाल रहे परिवार मेरा अरदास करा, नित वसदा रहे घरवार मेरा अरदास करा एह रोनक मेले लगे रेहन बाराहा मासे,
गुड़ नालो खंड मीठी खंड नालो शहद मीठा, शहद नालो मीठा तेरा नाम सतगुरु, अखा च दीदार तेरा बुल्ला उते
जबसे गुरुवर आपने अपना बना लिया, भटके हुए इंसान को रास्ता दिखा दिया, जबसे गुरुवर आपने अपना बना लिया, बस
आ लौट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते है मेरा सुना पड़ा रे संगीत तुझे मेरे गीत बुलाते
मैं नीवा मेरा मुरशद उचा, जिहने नीवियाँ दे नाल लाई, सदके जावा ओहना उचियाँ ताई, जिह्ना नीवियाँ नाल निभाई, गुरु
खाली मोड़ी न खोल किरपा दे बूहे , संगता आइए ने खोल किरपा दे बूहे, एक एक कदम बढ़ाओ भगतो