तेरा करती रहूं मैं सुबह शाम शुकराना
शुकराना शुकराना शुकराना शुकराना तेरा करती रहूं मैं सुबह शाम, शुकराना शुकराना शुकराना शुकराना गुरूजी गुरूजी तेरा शुकराना शुकराना ऐसी
शुकराना शुकराना शुकराना शुकराना तेरा करती रहूं मैं सुबह शाम, शुकराना शुकराना शुकराना शुकराना गुरूजी गुरूजी तेरा शुकराना शुकराना ऐसी
मेरे गुरु जेहा होर कोई न सदके जा मैं वारि जा, गुरु मेरे दी ठंडीनि छा,सदके जा मैं वारि जा
गुरूजी मेरी आरती स्वीकार कीजिए चरण में पड़े हैं उद्धार कीजिए नैनों के दीपक में संजोए भक्ति भाव की बाती
गुरु रहमत से तर जाएगा, जरा इस दर पे आकर तो देख, तेरा जीवन संवर जाएगा, गुरु रहमत से तर
मैं नाचों बनकर मोर गुरूजी तेरे चरनन में, गुरु जी तेरे चरनन में गुरु जी तेरे चरनन में, तू इक
अब तो तेरा भरोसा है गुरु जी तेरा सहारा है, मेरी नैया ढोल रही अब तुही किनारा है अब तो
सच्चे नाम वाली बूटी मेरे गुरां ने पिलाई। प्यासी आत्मा सी मेरी प्यास उसदी बुझाई ।। रेहा भटकदा मैं दर-दर,दुर-दूर
सतगुरु दा जन्मदिन आया वधाईयां संगता नु, गुरुनानक आज प्रगटाया वधाईयां संगता नु, पंज सो पजा साल गुरु नाल यह
कार दे विच बै के सतगुरु सजदे ने, कुल दुनिया दे मालिक प्यारे लगदे ने, कार दे विच बै के
दर्शन देख जीवां गुरु तेरा पूरण करम होय प्रभ मेरा, एह विनंती सुन प्रभु मेरे दे हे नाम कर अपने