
तारो मैं चन्द्र सामान हो
तारो मैं चन्द्र सामान हो, गुरुदेव तुम्हारी जय होवे, हम सब के जीवन प्राण हो, गुरुदेव तुम्हारी जय होवे, मुद्दत

तारो मैं चन्द्र सामान हो, गुरुदेव तुम्हारी जय होवे, हम सब के जीवन प्राण हो, गुरुदेव तुम्हारी जय होवे, मुद्दत

सोहने लगदे ने महल चबारे जिथे सत्संग लगदे, सोहने लगदे ने गुरा दे द्वारे जिथे सत्संग लगदे, सत्संग दे विच

तनु ही हर वेले मैं पुकारेया मेरे साई जी तू ही सब दा सहारा साई जी साई जी, मेरे साई

मनमोहन का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं । उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥ सरदा

जा तू मेरे वल हैं ता क्या मुहशनदा, तुध सब किछ मैनु सौपया, जा तेरा बंदा, लख्मी तोट ना आवहि,

सागर की गहराई में, पर्वत की ऊंचाई में, गुरु महिमा का अंत नहीं, ग्रंथों की सच्चाई में, सौभाग्य रवि का

व्यर्थ चिन्तित हो रहे हो.व्यर्थ डर कर रो रहै हो, अजनमा है ये अमर आत्मा. भय में जीवन खो रहै

आओ मंदिर कीर्तन करिये, रामायण दा सिमरन करिये, चुन चुन बागा को फूल कलियाँ श्रद्धा दे हार बनाओ जी, प्रभु

हम पे रहम करना हम पे कर्म करना, आये तेरे दरबार में दाता तेरे प्यार में, हम पे रहम करना

गुरु मोहे अपना रूप दिखाओ, यह तो रूप धरा तुम सरगुन, जीव उबार कराओ, रूप तुम्हारा अगम अपारा, सोइ अब