तू ही सब दा सहारा साई जी
तनु ही हर वेले मैं पुकारेया मेरे साई जी तू ही सब दा सहारा साई जी साई जी, मेरे साई
तनु ही हर वेले मैं पुकारेया मेरे साई जी तू ही सब दा सहारा साई जी साई जी, मेरे साई
मनमोहन का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं । उस मालिक का पावना कोई हंसी खेल नहीं हैं ॥ सरदा
जा तू मेरे वल हैं ता क्या मुहशनदा, तुध सब किछ मैनु सौपया, जा तेरा बंदा, लख्मी तोट ना आवहि,
सागर की गहराई में, पर्वत की ऊंचाई में, गुरु महिमा का अंत नहीं, ग्रंथों की सच्चाई में, सौभाग्य रवि का
व्यर्थ चिन्तित हो रहे हो.व्यर्थ डर कर रो रहै हो, अजनमा है ये अमर आत्मा. भय में जीवन खो रहै
आओ मंदिर कीर्तन करिये, रामायण दा सिमरन करिये, चुन चुन बागा को फूल कलियाँ श्रद्धा दे हार बनाओ जी, प्रभु
हम पे रहम करना हम पे कर्म करना, आये तेरे दरबार में दाता तेरे प्यार में, हम पे रहम करना
गुरु मोहे अपना रूप दिखाओ, यह तो रूप धरा तुम सरगुन, जीव उबार कराओ, रूप तुम्हारा अगम अपारा, सोइ अब
हर वेले मालका तेरा शुक्र मनाने आ, तेरा शुक्र मनाने आ तेरा ही दिता खाने आ, मैं पाया दर तेरे
अखियाँ नई रज्जिया तेरा कर के दीदार सोणेया ॥ तू ता पुनाया दा चान लगदे तेरी ऐथे ओथे जय होवे,