
हर वेले मालका तेरा शुक्र
हर वेले मालका तेरा शुक्र मनाने आ, तेरा शुक्र मनाने आ तेरा ही दिता खाने आ, मैं पाया दर तेरे

हर वेले मालका तेरा शुक्र मनाने आ, तेरा शुक्र मनाने आ तेरा ही दिता खाने आ, मैं पाया दर तेरे

अखियाँ नई रज्जिया तेरा कर के दीदार सोणेया ॥ तू ता पुनाया दा चान लगदे तेरी ऐथे ओथे जय होवे,

मेरे शिनशाह मैनू चरना च रख ले एक नज़र मेहर दी कर ले मैं तेरे दर ते मर जावा तेरे

जिस हाल में जिस देश मे जिस वेस में रहो ॥ हरी ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐहरि कहो

ये मेरी अर्जी है मैं वो हो जाऊ जो तेरी मर्जी है, अब और न मन भटके, आंखे रख माहि

मेरे गुरदेव है सबका सहारा को जीवन का सार है मेरे गुरु जी है जग के खिवईया सब के पालनहार

मेरे पिता मेरे भगवान. मेरी दुनियां कर वीरान कहाँ तुम चले गए ॥ मेरे जीवन की पहचान, मेरी दुनियां कर

तेरा हर वेले दिन रात गुरु जी शूकर करा, मेरी बनी रही जी बात गुरु जी शूकर करा, मेरे बदल

वे रब्बा तनु इक वारि मिलना जरूर है, यार कॉल बह के तनु तकना जरूर है, तू है सोहना या

महफिल रूहा दी मेरे सतगुरु लाई है जेह्डा आ वडया उह्नु मस्ती छाई है आओ सईयो जी कुट पिके देखो