
सतगुरु जी बेगा पधारो सा पार लगा दो जहाज
सतगुरु बेगा पधारो सा, पार लगा दो जहाज, पार लगा दो जहाज, गुरुजी पार लगा दो जहाज, भव सागर भरयो

सतगुरु बेगा पधारो सा, पार लगा दो जहाज, पार लगा दो जहाज, गुरुजी पार लगा दो जहाज, भव सागर भरयो

श्रृष्टि करता कलम दा कातब संगीत अचारेया साहित कार, सर्व कला समर्थ सम्पूर्ण सतगुरु वाल्मीकि अवतार श्रृष्टि करता कलम दा

ਮੇਰੇ ਮਨ ਵਿਚ ਮੀਂਹ ਬਰਸਾ ਦੇ, ਰਹਿਮਤਾਂ ਦਾ ਤੂੰ ਮਾਲਕਾ । ਮੈਨੂੰ ਅਨਹਦ ਨਾਦ ਸੁਣਾਦੇ, ਚੌਰਾਸੀ ਕੱਟੂ ਮੇਰੀ ਮਾਲਕਾ ॥

हम सब पे तेरा एहसान है तेरी मीठी सी रूहानी मुस्कान है, मेरी रूह का तू सकूँ है, तेरे संग

सतगुरु हो महाराज मोपे साई रंग डाला, साई रंग डाला मोपे हरि रंग डाला सबद की चोट लगी घट भीतर,

जो मापेया तो दूर हो ओहना पुत्रा नु मिला दे रब्बा जो किस्मत विच जुज रहे ओहना नु मुकत करा

चरणों में गुरु तेरे रहे मन मेरा शाम सवेरे करू सिमरन तेरा अखियो को मिले सदा दर्शन तेरा चरणों में

लिखी अर्जी चरणा च करी मंजूर सतगुरु के निभ जाए दर तेरे मेरे हजूर सतगुरु कंडियो वी निकी है बारो

मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी असी दर दर दे ठुकराए होए आ, मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी थक

मेरे सतगुर दा बोल दियो जैकारा, सचे रहबर दा ओ सोहने सतिगुरु दा, बोलो जैकारा बोलो जैकारा बोलो जैकारा, मेरे