गुरु जी बिन न कुछ भाये
हम को जो भी मिला गुरु जी से मिला न है कोई गिला क्या कहे दिल में रेहते है वो
हम को जो भी मिला गुरु जी से मिला न है कोई गिला क्या कहे दिल में रेहते है वो
बिन बोल्या सब किछ जांदा, किस आगे कीजिये अरदास, बबिहा सगळी धरती जे फिरेह, उड़ चढ़े आकाश, बिन बोल्या….. सतगुरु
साहा बिना बंदा जी नहीं सकदा, जे तेरी रहमत हो जाए मैं कर की नहीं सकदे, तेरी हथि कोड़े भी
ठीक करुगा नाम तेरा उल्जी तेरी तानी नु, आजो रल मिल सारे पड़िये गुरु रविदास दी वाणी नु मिटी दा
अमृत वाणी हर हर तेरी, सुन सुन होवे परम गत मेरी, जलन बुझी शीतल हुवे मनवा सतगुरु का दर्शन पाए
गुरू दे द्वारे उत्ते खड़ी झोली अड़ के, गुरु जी ने खैर पाई मेरी बांह फड़ के, मेहर दा हाथ
जुड़ गये है मन की तार तुमसे, शक्तियां मिल रही अपार तुमसे, भाग्ये के द्वारे खुले हम को हमारे मिले,
रब दी रजा दे विच राजी रहना सिख ले, हर वेले उस दा तू नाम लेना सिख ले, रब दी
जीवन में जब विपदा आई कौन बचाने वाला, मेरा सतगुरु प्यारा हारे का सहारा, संकट में जब मन घबराये कौन
गुरु नाम वाला गहना पा ले, मोह माया न छोड़ बंदिया, जेहड़ा पावे कर्मा वाला/नसीबा वाला, ओहदे वेहड़े पार हों