कैसा होगा वो समा
कब आएगा कब आएगा वो समा, कैसा होगा वो समा पाएंगे हम मंजिल यहाँ, कैसा होगा… हम ना जाने मंजिल
कब आएगा कब आएगा वो समा, कैसा होगा वो समा पाएंगे हम मंजिल यहाँ, कैसा होगा… हम ना जाने मंजिल
कर्मो का फल तुझे बोगना पड़े गा, लेकिन प्रभु की शक्ति कुछ दर्द कम करेगी, कुछ अपने सिर पे लेगी
जय जय वाल्मीकि जी सारा ही जग गावे सोहनी पालकी च सतगुरु चलेया आवे मथे टेको आओ सारे शीश निबा
दर्शन देता जावो जी सतगुरु मिलता जावो जी म्हारे पिवरिया री बातां थोड़ी म्हने केहता जावो जी सोने जेडी पिली
लाखो चाँद खिले हो जैसे मुख है तुम्हरा शीतल ऐसे जाऊ मैं बलिहारी, हे विमर्श गुरु राज मैं देखे जाऊ
सतगुरु दे लोहड़ी दात्ता दे लोहड़ी , असीं लैना नहीं रूपया ॥ सतगुरु पार करो मेरी नैया ॥ सतगुरु दे
वाहेगुरु वाहेगुरु जपले संगते सारी सांगता चलिया, चलो सींगो रल साफ़ करो आज पटने शहर दिया गलियां, आज अम्ब्रा ते
सतनाम सतनाम वाहेगुरु, मेरा नानक दिल दियां जाने, जाने मेरा करतार जी, सतनाम सतनाम वाहेगुरु वाहेगुरु बोलो इकओनकार जी, सतनाम
सतगुरु जी बेगा आवो जी, हरो हमारी पीर, हरो हमारी पीर , दयालु हरो हमारी पीर, सतगुरु आवो शब्द सुनाओ
मैं सतगुरु वाली हो गई आ, मेनू नशा नाम दा रहंदा ए, मैं सतगुरु वाली हो गई आ, नाम रस