नचदी संगत नचदी
दरबार बड़ा सोहना ऐ वारी जावा सतगुरु दे मुख बड़ा मन मोना ऐ, साडे भाग जगाए ने घर मेरे फेरा
दरबार बड़ा सोहना ऐ वारी जावा सतगुरु दे मुख बड़ा मन मोना ऐ, साडे भाग जगाए ने घर मेरे फेरा
आप के दर पे जो आ गेया, सब मुरादे वो ही पा गया, आप के दर पे जो आ गेया
कर दे सभी पे उपकार, गुरु जी दुखिया खड़े जो तेरे द्वार हिया कर दे सभी पे उपकार बिन तेरी
मैनु रोक ना गुरुआ दे दर जा लेंदे, दात मुक्ति दी दाता कोलो पा लेंदे, मैनु रोक ना गुरुआ दे
अब हम गुरू गम आत्म चीना आऊ ना जाऊं मरू नहीं जन्मू ऐसी ऐसी निश्चय कीना भेख फकीरी सब कोई
बाबा जी दया करना के तेरी मेरी तोड़ निभ जावे, तेरे बच्चियां न भूल के भी कदे अभिमान ना आवे,
बलिहारी मैं बलिहारी मैं गुरु चरण कमल पर वारी मैं, देवश भाव सब दूर कराया पूरण भ्रम इक दिखलाया, घट
दुगी दुगी नदिया पुराना पेय वेहदा किसे न फडी मेरी बाह, ओ आये मेरे सतगुरु प्यारे ओहना ने फड लाई
गुरुदेव तेरी करुणा इस कदर बरस रही है, जिसके लिए ये सदियों से कायनात तरस रही है, गुरुदेव तेरी करुणा
तेरा जी मैं तेरा जी मेरे गुरुवर मैं तेरा जी कई जन्मा तो बाद होया है अज सवेरा जी तेरा