
प्यार का इक जहां साथ लाये हो तुम
प्यार का इक जहां साथ लाये हो तुम, कौन हु कैसी दुनिया से आये हो तुम, चाँद तारो में भी

प्यार का इक जहां साथ लाये हो तुम, कौन हु कैसी दुनिया से आये हो तुम, चाँद तारो में भी

मेहर करो साहनु चरनी लगाओ, भव सागर तो पार लगाओ, सुन अरदास तू मेरी, अरदास करा अरदास करा, तू ऊंचा

शाह बिना पत् नहीं, गुरु बिना गति नहीं, सगत पई पुकारदी, गुरु बेड़ी बन्ने ला देवे सारे संसार दी गुरु

भोर भाई दिन चढ़ गया मेरे बाबा हो रही जय जयकार मण्डप बिच, आरती गुरु की —– मेरे सच्चे स्वामी।।-2।।

आया आया दिन बढ्भागी, हो जागी जागी किस्मत जागी, सतगुरु आये हमारी गलियाँ मैं बिछाऊ फूलो की कलियाँ, आया आया

नाम जप ले निमानिये जिन्दे के ऑखे वेले कम आवेगा मेरे सारेया दुख दा दारु इक पूड़ी राम नाम दी,

तेरे आने की जब खबर महके, तेरी खुशबू से सारा घर महके, शाम महके तेरे तसवुल से, शाम के बाद

रामकली महला 3 अनंद एक ओनकार सतगुर प्रसाद ॥ अनंद भया मेरी माए सतगुरू मैं पाईया। सतगुर त पाया सहज

इबादत कर इबादत करण दे नाल गल बंदी एह, किसे दी आज बंदी है किसे दी कल बंदी है, ऊंची

सुनियो जी सुनियो जी गुरु महाराज जी, तेरी ही किरपा मंगा मैं दिन और रात जी, सुनियो जी सुनियो जी