गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाय क
गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाके गुरुदेव का दर्शन सु यो जनम सफल हो जाय हैं। गुरुदेव
गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाके गुरुदेव का दर्शन सु यो जनम सफल हो जाय हैं। गुरुदेव
अंग अंग चढ़ी नाम दी खुमारी, गुरा ने ऐसा रंग सुटेया, बाहरो अन्दरो मैं रंगी गई सारी, गुरा ने ऐसा
बाबा के दिल में बच्चे रहते बच्चों के दिल में बाबा, बाबा कहते मेरे बच्चे बच्चे कहे मेरे बाबा, बा
तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले अमृत दे, कोई समजन गुरु मुख प्यारे वेले अमृत दे, तेनु सतगुरु अवाजा मारे वेले
तेरा लख लख शुक्र मानने आ तेरा ही दिता खाने आ, तू सी जद भी भुलांदे हो गुरु जी ऐसी
जब संत मिलन हो जाए तेरी वाणी हरी गुण गाए तब इतना समझ लेना अब हरी से मिलन होगा नहीं
मेरे गुरु जी दे दरबार सदा खुशीआं ही खुशीआं, सब लूट लो मौज बहारा सदा खुशीआं ही खुशीआं, यो भी
सज धज के गुरु जी घर आये, लोको वे मैं आज झली हो गई, मैनु कुज भी समज ना आये
बरसा दाता सुख बरसा आंगन आँगन सुख बरसा चुन चुन कांटे नफरत के प्यार अमन के फूल खिला, कोई तन
हम थारे चरना की धुल गुरु जी चरणो से करिये न दूर गुरु जी जब भी म्हारे सतगुरु भागा में