
आंगन आँगन सुख बरसा
बरसा दाता सुख बरसा आंगन आँगन सुख बरसा चुन चुन कांटे नफरत के प्यार अमन के फूल खिला, कोई तन

बरसा दाता सुख बरसा आंगन आँगन सुख बरसा चुन चुन कांटे नफरत के प्यार अमन के फूल खिला, कोई तन

हम थारे चरना की धुल गुरु जी चरणो से करिये न दूर गुरु जी जब भी म्हारे सतगुरु भागा में

गुरु जी तेरे भरोसे मेरा परिवार है, तू ही मेरी नाव का माझी, तू ही पतवार है, गुरु जी तेरे

लग चरना च गुरुआ दे आन के क्यों मुकौन्दा ऐ जिन्दगी नु जान के तेरा रब ही सहारा हर था

दर भागा नाल मिलिया ऐ, सतगुरु चरना च मेरा जीवन पलिया ऐ, नशा कर के नहीं चड़ेया ऐ, किवे समजावा

गुरु जी तेरे नाम तो बिना, साहनु कौन गरीबा नु जाने, गुरु जी तेरे नाम तो बिना केहड़ा दुखियाँ दा

मेरे गुरु जी खुशिया वंड दे ने बह के बड़े मंदिर विच, बह के बड़े मंदिर विच, ओ कष्ट रोग

मंगना भी नहीं आउंदा मैनु फिर भी तू महरा वस्राईयाँ, मैं को जी कमली दे पले मुहो मंगियां खैरा पाइयाँ,

सतगुरु नवल ब्रह्म हो पूरण विश्वाबिश भवदास पर कृपा करो मोक्ष करो बगशिश अवगुण गारा की विनती तुम सुनो गरीब

हथ जोड़ करा अरदास मैं मिंटा करा सो सो बारी, सब ते नजर मेहरा दी रखी दुःख न किसे ते