मैनु अपना सेवक बना लिया
मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी, मेरी राखियां किती हर घडी, मैनु अपना सेवक बना लिया, राह डिगे न आप
मेरे गुरु महाराज दी किरपा बड़ी, मेरी राखियां किती हर घडी, मैनु अपना सेवक बना लिया, राह डिगे न आप
मेरे सिर पर सिंगा जबरा आरे वो सदा करत रहु मुजरा जहाँज वान ने तुमको सुमरा आरे वो डुबी जहाँज
मेरे मालिक दी किरपा बहुत पर मेरा चित नही भरदा गड़ी छोटी मंगी मिली ते हूँ बड़ी नु जी करदा
तेरे भरोसे मेरी गाड़ी, तूँ जाने तेरा काम जाने ll तू जाने तेरा काम जाने, तूँ जाने तेरा काम जाने
गुरूजी तुम्हारे चरणों में जब प्यार किसी का हो जाये, दो चार की फिर तो बात ही कया संसार उसी
मैं वारि जाऊं सतगुरु की, जिन लायी नाम सों यारी। मन तो पापी भागता जाए, छन भंगुर से यारी लगाए।
शिव नाम दा झोला गल पा लिया, दिल डुगरी वाले दे नाल ला लिया, अब तो लागि लगन गुरु जी
म्हारे काग आंगणे बोले हेली , गुरु मिलण की आस, गुरु मिलण की आस , म्हारे राम मिलण आस, म्हारे
नी मैं उचिया भागा वाली मेरी कुटिया दे भाग जगाये, आज गुरु जी मेरे घर आये ने, नी मैं राह
अमर बनाया रे आज म्हाने अमर बनाया रे, म्हारा सतगुरु दीनदयाल, आज म्हाने अमर बनाया रे, म्हारा दाता दीनदयाल, आज