अब तो झूठा लगता है सब संसार
अब तो झूठा लगता है सब संसार, मैं आया तेरे द्वार तू पा प्रबु का दीदार, अब तो झूठा लगता
अब तो झूठा लगता है सब संसार, मैं आया तेरे द्वार तू पा प्रबु का दीदार, अब तो झूठा लगता
मरुधर में ज्योत जगाय गयो, बाबो धोली ध्वजा फहराय गयो, म्हारो साँवरियो बनवारी, बण्यो पचरंग पेचाधारी, भक्ता रे कारण, अजमल
मैं वारी जाऊं रे, मैं वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे मारे सतगुरु आंगड़ आया, मैं वारी जाऊं रेसतगुरु आंगड़
गुरु नाम जो जपे दुःख दर्द मिटे सदा नाम जपना, तेरा जीवन है अनमोल यु ही मिटटी में न रोल
मेरे हिरदे वसो रविदास प्रभु मेरे हिरदे वसो रविदास, मैं है नौकर तेरे दर दा पूरन कर देयो आस, मेरे
वेडा पार लगा ले तू बंदेया सतगुरु दे लड़ लड़ लग गे, कुछ नाल न जाने है सब कुछ रह
हरी की कथा सुनाने वाले, गोविन्द कथा सुनाने वाले, तुमको लाखों प्रणाम, तुमको लाखों प्रणाम । हम भूल रहे थे
लुक़ लुक़ दुनियाँ नू इशारे करदे, नजर न औंदे पर झोली बरदे, चरना दे विच ऐहदे जनत समाई ऐ, भागा
माफ़ करो गुरु जी माफ़ करो, मेरी जान उजली मैं तो मिटी की डेरी, सुन अरजा तू मेरी मुझे माफ़
तेरी तस्वीर आगे बेह के गुरु जी करा दीदार तेरा, दर्शन तेरा नित नित पावा मन दी गल मैं तनु