गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से
गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से, अमृत बरसे दिन रात आप के वचनो से, सत्ये का दर्पण
गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से, अमृत बरसे दिन रात आप के वचनो से, सत्ये का दर्पण
सतगुरु ना जप ले नाल चंगे कर्म कमा ले वाहेगुरु दा जपले नाम जींद लेखे ला ले, ना हरजाई दम
संगता नु कदे भी न दिल तो बिसारेयो, गुण अवगुण दी कसोटी ते न चाडेयो, अपना बना के कदे दुरिया
मेरे नानका मेरे नानका, धन गुरु नानक पीर पैगम्बर, सारिया गुरुआ तेरा पहला नंबर, धन गुरु नानक पीर पैगम्बर, वसदा
साहेब तेरी खिदमत चाहूँ , कुछ भी चाहु ना छोड़ तेरी चौखट बाबा दूर जाउ ना चाहूं तो बस तुझसे
चिट्ठी पढके मुझ दुखिया की म्हारे घर आइये बाबाजी, लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाये बाबाजी, चम्पा चमेली के फूलों
फूल कलियाँ नाल सज सवार, संगता जांदियाँ ने बलिहारी, अन हद नूर धरती उते पेंदा है लिश्कारा, दर्शन मेरे सतगुरु
गुरुवार हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जाने । अब हमे पतित से पावन सरकार करो तो जाने ॥
प्राथना कर जोड़ के लीला अपनी छोड़ के आओ ना गुरुदेव ॥ सब अधीर हो रहे सारे सादक रो रहे
चारे पासे खुशिया छाईया गुरु पूर्व दिया सब नु वधाईया आओ सारे रल मिल गाइये आया नानक खुशियाँ छाईया होया