
मैं तुड़ी बनके आई
मैं तुड़ी बनके आई मेनू तुड बनालो चरणा दी ॥ इश्क तेरे दिया तिखिया नोका, ताने मारे जग दिया लौका,

मैं तुड़ी बनके आई मेनू तुड बनालो चरणा दी ॥ इश्क तेरे दिया तिखिया नोका, ताने मारे जग दिया लौका,

कुछ कहूं है कहाँ ये मज़ाल मेरी, महिमा है सतगुरु बेमिसाल तेरी, कुछ कहूँ है कहा ये मज़ाल मेरी…… हर

गुरु ज्ञान की हो बरसात आप के वचनो से, अमृत बरसे दिन रात आप के वचनो से, सत्ये का दर्पण

सतगुरु ना जप ले नाल चंगे कर्म कमा ले वाहेगुरु दा जपले नाम जींद लेखे ला ले, ना हरजाई दम

संगता नु कदे भी न दिल तो बिसारेयो, गुण अवगुण दी कसोटी ते न चाडेयो, अपना बना के कदे दुरिया

मेरे नानका मेरे नानका, धन गुरु नानक पीर पैगम्बर, सारिया गुरुआ तेरा पहला नंबर, धन गुरु नानक पीर पैगम्बर, वसदा

साहेब तेरी खिदमत चाहूँ , कुछ भी चाहु ना छोड़ तेरी चौखट बाबा दूर जाउ ना चाहूं तो बस तुझसे

चिट्ठी पढके मुझ दुखिया की म्हारे घर आइये बाबाजी, लगा हुआ दरबार तुम्हारा दर्श दिखाये बाबाजी, चम्पा चमेली के फूलों

फूल कलियाँ नाल सज सवार, संगता जांदियाँ ने बलिहारी, अन हद नूर धरती उते पेंदा है लिश्कारा, दर्शन मेरे सतगुरु

गुरुवार हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जाने । अब हमे पतित से पावन सरकार करो तो जाने ॥