
प्राथना कर जोड़ के
प्राथना कर जोड़ के लीला अपनी छोड़ के आओ ना गुरुदेव ॥ सब अधीर हो रहे सारे सादक रो रहे

प्राथना कर जोड़ के लीला अपनी छोड़ के आओ ना गुरुदेव ॥ सब अधीर हो रहे सारे सादक रो रहे

चारे पासे खुशिया छाईया गुरु पूर्व दिया सब नु वधाईया आओ सारे रल मिल गाइये आया नानक खुशियाँ छाईया होया

जींद मेरीये तू ऐवे न गबराया कर गुरु जी दा ध्यान लगाया कर, जद कुछ भी नजर ना आवे ते

हम सबपे तेरा एहसान है तेरी मीठी सी रूहानी मुस्कान है, मेरी रूह का तू सकूँ है तू है तो

दरबार बड़ा सोहना ऐ वारि जावा सतगुरु ते मुख बड़ा मन मोना ऐ, साडे भाग जगाये ने घर मेरे फेरा

जय गुरु जी करते करते गुजर जाए जीवन सारा, जो कुछ दिया आप ने आप को अर्पण सारा जय गुरु

संगता ने डेरा ला लेया सतगुरु जी दर ते तेरे, चरना विच शीश झुका लेया सतगुरु जी दर ते तेरे,

मेरे सर ते तेरा हत्थ होवे, जेकर मेरी तैनू पत् होवे क्यूँ ना भव सागर तर जावन मैं जिंदडी नू

सावन कदे कदे वसदा, गुरा दी मेहर वसे दिन रात, किदरे चुका किदरे जल थल ओ सावन तर जावे, मेहर

अपने रंग विच रंग देओ जी, के मैलिया ने साड़ियाँ रूहा॥ हम मैले तुम उजल करते, हम निर्गुण तू दाता,