गुरु बिन मिले न हमको ज्ञान
गुरु बिन मिले न हमको ज्ञान,जहा में युही बटक ते है, भगती मार्ग गुरु बतावे,सच्चे मार्ग को दरशावे, तुम करते
गुरु बिन मिले न हमको ज्ञान,जहा में युही बटक ते है, भगती मार्ग गुरु बतावे,सच्चे मार्ग को दरशावे, तुम करते
बिगड़ी मेरी बना दो एह दुगरी वाले गुरु जी, अपना मुझे बना लो एह दुगरी वाले गुरु जी, दर्शन को
प्रभु चुनरी मेरी भगती के रंग में रंग देना, रंग देना रंग देना, रंग मंगू न लाल और पिला रे,
मै अरज करू गुरा थाने चरणा में राखो म्हाने। हेलो प्रकट सुनो चाहे छाणे, मारी लाज शरम सब थाने। ये
कर शुकराना गुरु अपने दा रज रज के, जीना हम को शिखाते गुरु जी हस हस के कर शुकराना गुरु
तुमको निहारने को दिल ये चाहता है, मन में उतरने को दिल ये चाहता है, तुम सामने हमारे तुम साथ
मेरा अवगुण भरा शरीर मिला न कोई गुरु न पीर, नाथ मोहे कैसे तारो गे प्रभु जी मोहे कैसे तारो
सुन लो गुरु जी मेरे जीवन को सरल कर दो, मजधार में जीवन है थोड़ा तो रहम कर दो, सुन
मैं सभ दा हो के वेख लिया, एक तेरा होना बाकी ऐ, मैं अपना सब कुज खो बेठा, हुन आपा
गुंराजी से मिलिये हॉ, चालो दिवाना देश संत सदा उपदेश लखावे, दिल अंदर दीदार करावे, तन मन अर्पण करिए हो