
मैं सभ दा हो के वेख लिया
मैं सभ दा हो के वेख लिया, एक तेरा होना बाकी ऐ, मैं अपना सब कुज खो बेठा, हुन आपा

मैं सभ दा हो के वेख लिया, एक तेरा होना बाकी ऐ, मैं अपना सब कुज खो बेठा, हुन आपा

गुंराजी से मिलिये हॉ, चालो दिवाना देश संत सदा उपदेश लखावे, दिल अंदर दीदार करावे, तन मन अर्पण करिए हो

हमारे हैं श्री गुरुदेव हमें किस बात की चिंता, हमारे साथ हैं गुरुदेव, हमें किस बात की चिंता। चरण में

आजा बेहने जीतिये नि सुन ले प्रीतिये ने, वेख सामने बैठा तेरे रज रज करिये दीदार नि, ओ कीहदा कीहदा

मेरे बाबा तेरी मुरली दिव्य गुणों की खान, जिसको सुन कर दिल ये कहता हो जाओ कुर्बान, शीतलता का पाठ

सइयां जेहड़े पासे वेखा मैनु तू दिसदा, पत्ते पत्ते विच सइयां तेरा मुँह दिसदा, साहिबा जेहड़े पासे वेखा मैनु तू

तर्ज- बनाके क्यों बिगाड़ा रे बिगाड़ा रे नसीबा गुराजी मोहे दीना रे हा दीना रे गुरूवर ज्ञान यह मुझको जब

सतगुरु से डोर अपनी क्यूँ ना बावरे लगाए, ये सांस तेरी बन्दे फिर आये या ना आये, दो दिन का

करा अरदास गूर जी चरना च तेरे दुःख सुख वंडने मैं नाल तेरे एहना गमा तो हार मैं गई आ

गुरु चरणों में लाग तेरी जागे सोये भाग सुन मन मेरे, सुन संतो की वाणी जग झूठी है कहानी लोभ