तेरी रेहमतो
जब तक थी तुम से दुरी कीमत न कुछ मेरी थी, हुई तुम से जो महोबत मेरा नाम बन रहा
जब तक थी तुम से दुरी कीमत न कुछ मेरी थी, हुई तुम से जो महोबत मेरा नाम बन रहा
जोत मेरे सतगुरु वाली, जगदी जरूर जी , अखियां तो नेड़े नेड़े, कदमा ते दूर है, जेह्डा इस ज्योत नु
हो बाबा अपने कमाल कर दियां, हमारा सारा जीवन आप ने खुशहाल कर दियां, हम को देख उल्जन में मार्ग
शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना, हर पल करू मैं तेरा शुकराना, सांसो की ये माला गुरु जी तेरे दम से
गुरु सों कर ले मेल गंवारा, का सोचत बारम्बारा ? – २ का सोचत बारम्बारा ? – २ गुरु सों
गुरु जी मैनूं ना विसरो तुसी संगता नाल निभाईया गुरु जी मेनू ना विसरो मैं दर तेरे ते आई आ
समझ मन मेरा गुरु बिना मुक्ति नाही ||टेर|| नीच वर्ण रविदास चमारा, गुरु किया मीराबाई | विष का प्याला अमृत
गुरु की कीजै बंदगी बारंबार प्रणाम मैं अज्ञानी दास हूँ गुरु कर ले आप समान यह तन विष की बेलरी
मेरे गुरु ने लोह लगा दी मेरा बेठन ने जी करता, गुरु जी मने पार तार दे फिर रोज रोज
प्रभु वाल्मीक भगवान तेरी सब तो ऊंची शान, तू ही सारा जगत रचाया है, प्रभु आद कवि दा रुतबा तेरे