
आना गुरु भगवान हमारे मन मन्दिर में
आना गुरु भगवान, हमारे मन मन्दिर में रखना सब का ध्यान, जो आवे कीर्तन में, कृपा तुम्हारी पा जाएगे,जो सत्संग

आना गुरु भगवान, हमारे मन मन्दिर में रखना सब का ध्यान, जो आवे कीर्तन में, कृपा तुम्हारी पा जाएगे,जो सत्संग

आओ प्रेम से गुरु चरणों में श्रद्धा सुमन चढ़ाये हम गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम तन

जब तक थी तुम से दुरी कीमत न कुछ मेरी थी, हुई तुम से जो महोबत मेरा नाम बन रहा

जोत मेरे सतगुरु वाली, जगदी जरूर जी , अखियां तो नेड़े नेड़े, कदमा ते दूर है, जेह्डा इस ज्योत नु

हो बाबा अपने कमाल कर दियां, हमारा सारा जीवन आप ने खुशहाल कर दियां, हम को देख उल्जन में मार्ग

शुकराना गुरु जी तेरा शुकराना, हर पल करू मैं तेरा शुकराना, सांसो की ये माला गुरु जी तेरे दम से

गुरु सों कर ले मेल गंवारा, का सोचत बारम्बारा ? – २ का सोचत बारम्बारा ? – २ गुरु सों

गुरु जी मैनूं ना विसरो तुसी संगता नाल निभाईया गुरु जी मेनू ना विसरो मैं दर तेरे ते आई आ

समझ मन मेरा गुरु बिना मुक्ति नाही ||टेर|| नीच वर्ण रविदास चमारा, गुरु किया मीराबाई | विष का प्याला अमृत

गुरु की कीजै बंदगी बारंबार प्रणाम मैं अज्ञानी दास हूँ गुरु कर ले आप समान यह तन विष की बेलरी