अरदास मालका चरना विच तेरे जपो
दुःख कट दुनिया दे वंड खुशियाँ खेड़े, अरदास मालका चरना विच तेरे जपो, मेनू प्यार करन दी दाता जांच सिखा
दुःख कट दुनिया दे वंड खुशियाँ खेड़े, अरदास मालका चरना विच तेरे जपो, मेनू प्यार करन दी दाता जांच सिखा
अँध्यारे में भटक रहा था मेरा सारा जीवन, जब से गुरु के चरणों में किया है मैंने सब अर्पण, मेरी
मैं वारी जाऊं रे , मैं वारी जाऊं रे , बलिहारी जाऊं रे मारे सतगुरु आंगड़ आया, मैं वारी जाऊं
तुध भावे ता होये आनंदा, तुध भावे ता परम आनंदा, सब हथ तेरे किछु नाही मेरे, तुध भावे ता सेव
गुण गावा दिन रात गुण गवा, विसर नाही दातार अपना नाम देहो, गुण गावा दिन रात नानक जाओ इहो, सतनाम
शिक्षा उसको दीजिये जो जिज्ञासु होये देत सिख अपात्र को मत महत्व खोय करता कोई और है तो मूरख करे
दादै लमहे पहेंदे नेह भाय इज़ जीवन जे पर कुच तेह हौला करले पापण दी गथरी दा भर जे तू
जीवन का भरोसा नही कब मौत आ जायेगी काया और माया तेरी तेरे साथ न जाएगी ॥ काया पे गुमान
श्री वलभ गुरु के चरणों में मैं नित उठ शीश निभाता हु मेरे मन की कलि खिल जाती है जब
मोती सतगुरु लुटान्दे हर वेले तैनू लूटना ना आवे ते मैं की करा फल निव्या रखा नु लग्दे ने तैनू