मेरा सतगुरु पीरा दा पीर
मेरा सतगुरु पीरा दा पीर मेरा मन रंगिया गया, रंगिया गया मन रंगिया गया, नाले बादशाह ते नाले फ़क़ीर, मेरा
मेरा सतगुरु पीरा दा पीर मेरा मन रंगिया गया, रंगिया गया मन रंगिया गया, नाले बादशाह ते नाले फ़क़ीर, मेरा
हांरे सत्संग उत्तम नोखा रे, केवटीया सतगुरु ,असली मौका रे, भवसागर भरियो भारी ज्यामे ,डूबे नर और नारी रे, भो
दर्शन दो गुरु जी मेरी अखियां प्यासी रे, मेरी अखियां प्यासी रे, मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी न दिखे
चौकठ पे आके जो भी सिर जो झुकाये रे, ख़ाली झोली पल में देखो कैसे भर जाये रे, चोखट पे
दर्शन देख जीवां गुरु तेरा – २ पूरण करम होये प्रभु मेरा – २ एह बिनंती सुन प्रभु मेरे –
मुझे लोगो से क्या वास्ता मिला गुरु जी का रास्ता, चैन मिला है मुझे इस दर से इस दर से
घट बड़ कबहुँ न देखिए और प्रेम सकल भरपूर जाने ही ते निकट है और अनजाने ते दूर
मेरे साईया मैं तेरी हो चुकी आ दिलो न विसारी मेनू मेरे साईंया दर तेरे ते मैं चुकी आ मेरे
जिस दिन गुरु जी तेरा दर्शन होगा, उस दिन सफल मेरा जीवन होगा, मेरे मन के मंदिर में मैं तुझको
सतगुरु जी तेरे दर्शन को आये है बच्चे तेरे आये है भगत तेरे माँ कलसा का राज दुलारा संतोक पिता