मेरे नैना विच्च सतगुरु आन वसेया नयन खोला किवें
मेरे नैना विच्च सतगुरु आन वसेया, नयन खोला किवें नयन खोला किवें, खोला किवें, खोला किवें, नयन खोला किवें नयन
मेरे नैना विच्च सतगुरु आन वसेया, नयन खोला किवें नयन खोला किवें, खोला किवें, खोला किवें, नयन खोला किवें नयन
सागर किनारे दिल ये पुकारे तू जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है जागे ये तारे जागी हवाएं, जब प्यार
आनंद ही आनंद बरस रहियो , बलिहारी ऐसे सद गुरु की मन कृष्ण प्रेम को तरस रहो, धनभाग हमारे गुरु
गुरुजी, गुरुजी , गुरुजी , गुरुजी …. गुरुजी मैं तो एक निरंजन ध्याऊँ जी, दूजे के संग नहीं जाऊँ जी,
बिगड़ी मेरी तकदीर को तूने बनाना है, दर छोड़ कर तेरा कही न और जाना है, आते रहे संदेशे मुझे
मेहरा वालियां साइयां दे जा दर्शन एक वार, असी करदे उडीका बेठे खोल के द्वार, मेहरा वालियां साइयां दे ……
गुरु जी घर मेरे भी आना, अपनी संगत को मेरे गुरु जी साथ में अपने लाना, मैंने सुना है दयालु
गुरु का दर्शन देख देख जीवा गुरु के चरण धोये धोये पीवा, गुरु का दर्शन देख देख जीवा गुरु की
आओ जी आओ गुरु जी आओ, ना होर तरसाओ के दरस दिखाओ गुरु जी आओ जी, आओ जी आओ गुरु
सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे, के सोहने सोहने लेख लिख दे, मैं वारि मैं वारि वारि जावा, के सोहने सोहने