
बस एहो अरदास गुरु जी बस एहो अरदास
बस एहो अरदास गुरु जी बस एहो अरदास, दूर करि न चरना कोलो रखी हर दम पास, बस एहो अरदास

बस एहो अरदास गुरु जी बस एहो अरदास, दूर करि न चरना कोलो रखी हर दम पास, बस एहो अरदास

जिसे खोजती सारी दुनिया वो बैठा सामने हमारे, ज्ञान सूरज ज्ञान चंदर माँ के हम ज्ञान सितारे, जिसे खोजती सारी

गुरुदेव की करू आरती , मन मं ध्यान लगाय क गुरुदेव का दर्शन सु यो जनम सफल हो जाय हैं।

बाबा तेरी किरपा से साँसे मेरी चलती है, तू है तो मेरा जीवन चिडियों सा चेह्क ता है, फूलो सा

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा, साथी सारे जगे तू न जागा , झोलियाँ भर रहै भाग्य वाले,

चेला वोही चीज लाना र गुरु ने मंगाई पहली भिक्षा अन की लाना नगर बस्ती के पास ना जाना चलती

तड़प तुमसे मिलने की गुरु जी और बढ़ जाये, तुम्हे देखु गुरु जी बस मेरा जीवन सवार जाये, तुम्ही तुम

मैं सूती रेह गई जी गूर जी मैं करमा दी मारी कोई वपारी भेज देयो जिस नु नींद वेचदा सारी,

हो आ गया जगत दा वाली मेहरा दा वेखो मीह वसया, जिहने हर लई चिंता सारी मेहरा दा वेखो मीह

आप ही हो दीनो के सहारे आप ही तारनहारे आपने की जिस पर भी रहमत चमके उसके सितारे मुझको तेरा