हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए
हे मेरे गुरुदेव करुणा,सिंधु करुणा कीजिए, हूं अधम आधीन अशरण, अब शरण में लीजिए, खा रहा गोते हूं मै, भव
हे मेरे गुरुदेव करुणा,सिंधु करुणा कीजिए, हूं अधम आधीन अशरण, अब शरण में लीजिए, खा रहा गोते हूं मै, भव
बनते सारे काम आप के चरणों में, हे गुरु जी परनाम आप के चरणों में, इस कलयुग में मेरे गुरु
संगता चम्बे दी ढ़ालियाँ मेरे सतगुरु फूल गुलाब दे, फूल गुलाब दे जी फूल गुलाब दे, जे मेरे सतगुरु गलियां
विच नारी दे डेरा सतगुरु प्यारे दा, रूप साहा ना जावे धुनें वाले दा, योगी सेवक बाल ब्रह्म चारी, जिथे
(तर्ज : क्या मिलीये ऐसे लोगों से) हे गुरुदेव दया के सागर विनती मेरी सुन लेना, जीवन नैया डगमग डोले,
गुरु जी तुम हमारी आशा तुम ही विश्वाश हो, गुरु जी तुम ही ज़मीन तुम ही आकाश हो, गुरु जी
तेरे चरणों में मेरे गुरु मैं बिगड़ी बनाने आया हु, जो बात किसी से बन न सकी, वो बात बनाने
धन धन नी भाग आज मेरे सतगुरु आये आज घर मेरे नी मैं गऊआ दा दुध मंगान्दिया सत्गुरा नु भोग
हरी जियो हरी जियो निमानेया तू मानु, निचीजियाँ चीज करे मेरा गोविन्द, तेरी कुदरत क्यों कुर्बान, तेरी कुदरत क्यों कुर्बान,
बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे चोला जो रंगों हरि नाम, विच रंग लो,