
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया
दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया, जन्म जन्म की दुरी को इक पल में मिटा लिया, दर पे

दर पे भुला लिया मुझको अपना बना लिया, जन्म जन्म की दुरी को इक पल में मिटा लिया, दर पे

मैं गुरु बिन देखे नींद न आवे, मेरे मन तन में गुरु बिरहु लगावे, नींद ना आवे नींद ना आवे,

मैं जीवा बाबाजी तेरे नाम दे सहारे, जेड़े तेरे दर ते आउंदे, करके दर्शन पाप मुकांदे, कई वेखे अजब नज़ारे,

जदो दुनिया ने मेथो अख फेरी गुरा ने मेरी बांह फड़ ली, मेरी तार दिति दुभ्दी होइ वेहड़ी, गुरा ने

ऐसी दया करो महाराज नाम न विसरे नाम न विसरे, नाम न विसरे नाम न विसरे, बिन तुद होर जे

गुरूजी गुरूजी जपते जपते मैं गुरु जी दी होइ, लोको मेरी जात ना पूछो कोई गुरु संग प्रीत लगाई मैं

ओ गरीब नवाज मेरी बह फड लै, मैनू पार करन दी हामी भर ले, अपने सतगुरु दे दर उत्ते वेखे

जिथे जिथे देखिया मैं तेरा रूप देखेया, तेरा रूप देखिया जी तेरा रूप देखिया, जिथे जिथे देखियाँ मैं तेरा रूप

पंजा ते नानका वाजा मारे बाबा नानक, हो मुड़ के आजा धुब्दा वेडा तार दे बाबा नानक, एक वारि फेर

मन थने सतगुरु देवे ज्ञान, समझकर हिरदे धारो रे, तूं पणा ने त्याग दो , बोलो शब्द जी कारो रे,