हथ जोड़ कर अरदास
हथ जोड़ कर अरदास गुरु जी सुंदे ने, तू रख मन विच विश्वाश गुरु जी सुंदे ने, मेरा माहि मेरा
हथ जोड़ कर अरदास गुरु जी सुंदे ने, तू रख मन विच विश्वाश गुरु जी सुंदे ने, मेरा माहि मेरा
तेरा साथ है तो मुझे क्या फिक्र है, तेरा साथ है तो नहीं कोई चिंता अंधेरो का डर है, हे
आओ नी आओ सखियों हथा ते मेहंदी लाओ मैं पीर नी मनोन्न चली आ………. जीने चलना है देर ना लाओ
रब दी कचेरी विच लेखे जदो होन गे कई ऊथे हसण ते कई ऊथे रोण गे करके गुनाह बेडी बदिया
काहा मिलेगा बाबा ऐसा सतजुग में तेरा प्यार, भले ही रोके मेह्लो में होंगे सुख के अति बरमार, काहा मिलेगा
अव्वल अल्लाह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे, एक नूर ते सब जग उपजाया कौन भले को मंदे, अव्वल अल्लाह
सतगुरु मेरा प्यारा दिल लूट के ले गया, सोहना जेहा मुखड़ा मैं वेखदा ही रह गया, हारा वाला मेरा दिल
प्रीत गुरा नाल लाइयाँ, मैं ता भूल गई सब संसार, प्रीत गुरा नाल लानी है औखी, हॉवे किरपा ता मिल
ओह पीरा दे पीर नानका, नानक शाह फ़कीर बीदर च तेरी आह है लोकि, कहन्दे नानक जीरा, शीश जुकावे दुःख
करदे करम दाता, बसे दरबार तेरा, मैनु कदमा नाल ला, मेरी बिगड़ी बना, कांसा भरदे तू मेरा, बसे दरबार तेरा,