खबर नही है पल की बात करे तू कल की
खबर नही है पल की बात करे तू कल की, गफलत में खोया है शरण में आ गुरु जन की,
खबर नही है पल की बात करे तू कल की, गफलत में खोया है शरण में आ गुरु जन की,
जदों मन तेरा डोले गुरां नु याद कर या कर, फ़र्ज़ तू कर ले पुरे सारे लीन न इस विच
जगत जिसका ये कुल वनाया हुआ है वही सब घट मे समाया हुआ है और दूसरा ना तुमसा जगत मे,
साहनु दर ते भुलाया है खुशिया दा चन चड़ेया बेडा पार लगाया है, गुरु जी गुरु जी गुरु जी गुरु
सतगुरु नानक दा प्रकाश पूरब है आया, मिट गया अन्धकार ते सारे जग विच चानन छाया, सतगुरु नानक दा प्रकाश
किया मैंने तुझी पे ऐतबार के आगे साई तू जाने, मेरे जख्मो को तेरा इन्तजार के आगे साई तू जाने,
लाइयाँ अखियां जी लाइयाँ अखियां, बड़ियाँ ही जग तो छुपाइयाँ अखियां, सोहने सोहने माहि दा दीदार जदो किता, सड़े कोलो
शुकराना गुरु जी शुकराना गुरु जी , गुरु जी गुरु जी गुरु जी, सब कुछ देने का शुकराना गुरु जी
की बड़यायियाँ तेरियाँ मेरे सतगुरु जी ओ पीरा दा महा पीर तू है फ़क्कर अव्वल फ़क़ीर तू है हासा वी
दरबार में सतगुरु प्यारे के दुःख दर्द मिटाये जाते है दुनिया के सताए लोग यहाँ सीने से लगाए जाते हैं