कमली हां मैं सोहने सतगुरु दी सइयो कमली हां
कमली हां मैं सोहने सतगुरु दी सइयो कमली हां, ऐसा रंग मुरशद दा चड़ेया लोक केहन मैनु कलि, लोका तो
कमली हां मैं सोहने सतगुरु दी सइयो कमली हां, ऐसा रंग मुरशद दा चड़ेया लोक केहन मैनु कलि, लोका तो
मेरे सतगुरु हारा वाले जग विच ने इस दे उजाले मेरे मुरशद हारा वाले जग विच ने इस दे उजाले,
ओ जी म्हाने कर मनुहार पिलायो जी, सतगुरु म्हाने प्रेम प्यालो पायो जी, असंग जुगा री म्हारी नींद उड़ाई जी,
सांसों के तार तार मे गुरु नाम को पिरोलो शुभ कर्म करके पुण्य का जीवन बीज वोह लो, सांसों के
(तर्ज: कन्हैया दौड़े आते है…) सच्चे मन से गुरुवर का तुं ध्यान लगायेगा पार तुं खुद को पायेगा
गुरु जी गुरु जी गुरु जी गुरु जी , मैं पल पल याद करा मैं पल पल याद करा, ॐ
मेरी अर्ज सुन लो गरीब निवार, गुरु जी कब से खड़े है तेरे द्वार, तुम बिन सावन की अखियां बरसी
आँखों में आंसू आते है मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन, कोई पहुंचा दो सन्देश मेरा, मन लगदा नहीं
मीठा लगदा गुरु जी तेरा नाम,मीठा लगदा है , सोहना लगदा गुरु जी तेरा नाम सोहना लगदा है, खंड तो
साहनु अपने तो कदे न विछोड़ो गुरु जी, चरना दे नाल जोड़ो गुरु जी, दिन रात असि नाम तेरा जपदे