
श्याम बाबा महान किया शीश का दान
श्याम बाबा महान किया शीश का दान, मुरली वाला भी इनका ऋणी हो गया, ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तरीक,

श्याम बाबा महान किया शीश का दान, मुरली वाला भी इनका ऋणी हो गया, ऐसे थे बर्बरीक लिखी ऐसी तरीक,

खाटू वाला है श्याम जपले तू इसका नाम ये दुनिया का रखवाला है शेहनशाह ये मत वाला है देवो में

मेरी झोली भर दीजिये श्याम बाबा, मेरा काम कर दीजिये श्याम बाबा, मैं आया हु दरबार तुम्हारे मुझको गले लगाना

जब कोई न हो अपना, बस श्याम नाम जपना, विश्वाश सदा रखना, बस श्याम नाम जपना, झूठे ये रिश्ते झूठे

हम कब से पड़े है शरण है तुम्हारी सुनलो सावंरिया , हम कोई गैर नहीं ॥ नौकर तेरे दरबार के

तुम तस्वीर में बेठे ऐसे क्यों मुश्कुराते हो, मिलने के लिए बाहर तुम क्यों नही आते हो, चंचल है तेरी

सजी स्वर्ग सी खाटू नगरी हर और है उजाला, आ गई देखो शुभ ग्यारस चमके ये जग सारा, श्याम बना

रंग रंगीला फागुन आया भाजे ढोल नगाड़े, धरती और गगन में गूंजे जय श्री श्याम के नारे, सजी स्वर्ग से

निशान लेके चाला मेरे बाबा श्याम का यो पैदल चलनियाँ हो जा खाटू श्याम का , सँवारे की देख ली

ओ जी ओ सांवरियां थारा भगता याद करे, थारा भगता याद करे यासु फरयाद करे ओ जी ओ सांवरियां थारा