
सूरजगढ़ निशान के नीचे जो भी आया है
सूरजगढ़ निशान के नीचे जो भी आया है खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है ना जाने कितने भक्तों

सूरजगढ़ निशान के नीचे जो भी आया है खाटू वाले श्याम ने उसका भाग्य जगाया है ना जाने कितने भक्तों

हर ग्यारस को सांवरियां होती है मुलाकात, अपने भगतो से सदा करता है तू बात, पहली बार जो खाटू आकर

देखा जो नज़ारा मैंने खाटू धाम का हो गया दीवाना मैं तो श्याम नाम का नेरे दिल में तो बस

खाटू की नगरी में बुलावे बाबो श्याम धणी, श्याम धनि जी महारो श्याम धनि, खाटू की नगरी में बुलावे बाबो

बेगो बेगो चाल म्हारा सांवरिया, खाटू वालो नीले वालो म्हणे बुलावे रे , बेगो बेगो चाल म्हारा सांवरिया बाबा को

मस्ती में दिल मचलाया रे फागुन का महीना आया रे, अब तो हम खाटू जायेगे रोके भी रुक न पाए

मेरे सांवरे का नाम लेके चलना हाथों में केसरिया निशान लेके चलना हारे का सहारा हर पीड़ा हज़ार हैं जानता

श्री श्याम किरपा रस का कतरा भी चुका पाऊ, मुझमें वो बात नही मेरी औकात नही, गर सारी धरती को

थक सी गई हु मैं जग को पुकार के, शरण में आई हु सब कुछ हार के, आँखों में नींद

शयद मेरे लिए कुछ सोचा होगा किरपा तेरी मुझपे भी हो शयद, शयद मेरा ख्याल आये तुझको मेरी सुनेगा तू