पलकों का घर तयार संवारे
मेरी अखियाँ करे इन्तजार संवारे, पलकों का घर तयार संवारे, आँखों के अशुवन जल से तेरे चरण पखारू गा मैं,
मेरी अखियाँ करे इन्तजार संवारे, पलकों का घर तयार संवारे, आँखों के अशुवन जल से तेरे चरण पखारू गा मैं,
वे तू पै गया पंजाबिया दे पल्ले ओ श्याम तेरी बल्ले बल्ले ॥ ओथे ता तू खांदा सी तू माखन
चले आओ… तड़पता है तेरा ये दास संभालो, मिलन की आस ना टूटे संभालो, ये जीवन भी है थोड़ा ये
कलयुग में चर्चा हो रखा खाटू के धाम का तू देख वन्वले बन के लाडला बाबा श्याम का नीले की
दरस दिखा दो ना, ओ बाबा मुझको दरस दिखा दो ना मैं आया तेरी शरण में श्याम, मुझे अपना बना
आंसुओ का मोल श्याम ने चूका दिया, खाटू का मुझको भी नजारा दिखा दिया, नैनो से मिले नैन मेरी बात
श्याम नाम की मोरछड़ी का झाड़ा जब वो देता है, श्याम धनि खाटू वाला सारे दुःखडे हर लेता है, मुर्दे
जब जब खाटू वाले के भगतो पे विपदा आई, मोरछड़ी लहराई श्याम की मोरछड़ी लहराई, कलयुग में इस मोरछड़ी की
दीन दुखी निर्वल निर्धन का श्याम सहारा है, खाटू श्याम हमारा है, श्याम है शीश का दानी शयम की अमर
श्याम है तुमसे हर ख़ुशी अपनी चर्नो मे तेरे, है ज़िंदगी अपनी श्याम है तुमसे हर ख़ुशी अपनी… जब हो