जब जब भी तू हारेगा बाबा तुझे संभालेगा
जब जब भी तू हारेगा बाबा तुझे संभालेगा लेकर प्यार की छाओं में अमृत रूस बरसायेगा बोलो जय श्री श्याम
जब जब भी तू हारेगा बाबा तुझे संभालेगा लेकर प्यार की छाओं में अमृत रूस बरसायेगा बोलो जय श्री श्याम
आया मैं ……… श्याम तेरी शरण में श्याम तेरे चरण में एक बस तू दिल में तू ही तू नैनन
ग्यारस की रात है वाह वाह क्या बात है चमक रहा सर पे चंदा रेहमत की बरसात है ग्यारस की
नैया मंझधार है जाना उस पार है मेरी नैया का मेरा बाबा खेवनहार है जो जैसे भाव है लाता ये
कोई जब प्रेम से बुलावे तो रुक नही पावे, दोरहा दोरहा भागा भागा आवे, भाव के भूखा है बाबा श्याम
दरबार बुलाते हो, रोतो को ह्साते हो, ना जाने कितनो से, रिश्तो को निभाते हो, वारी जाऊ मै तेरे सावरीया…
खाटू में जब से पाँव पड़े है मेरे घर के आगे शयाम खड़े है, दुखडो को देखे ज़माना है बीता,
यही तमना हर प्रेमी की मिले श्याम तेरा दीदार , हर जगह बने मंदिर तेरा बस याहा तेरा परिवार, यही
हमको कन्हैया तेरा प्यार चाहिए ॥ जन्मों तलक का करार चाहिए ॥ देना तुम्हारी आदत है श्याम ॥ लेना हमारी
क्या खेल रचाया है, तूने खाटू नगरी में बैकुंठ वसाया है कहता जग सारा है वो मोर छड़ी वाला हारे