मैं निर्धन तूं सेठ सांवरा
मैं निर्धन तूं सेठ सांवरा के फायदा इसी यारी का बता कद ताला खोल गो, बाबा बंद किस्मत म्हारी का.
मैं निर्धन तूं सेठ सांवरा के फायदा इसी यारी का बता कद ताला खोल गो, बाबा बंद किस्मत म्हारी का.
जिस ने भी मेरे श्याम को दिल से सजा लिया, जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां, जिस ने
जहाँ दर्दे दिल को मिल जाता आराम है, कुछ और नहीं वो केवल खाटू धाम है, अरे कौन मिटाता दर्द
तुझे कौन सा भजन सुनाऊँ बाबा तुझको कैसे रिझाऊं मैं कुछ भी समझ ना पाऊं बाबा क्यों मैं हारा जाऊं
लूट गए मर गए, श्याम की अदाओं पे, काले काले नैनों की निगाहों पे, जादू गर गई तिरछी नजर, गई
फागुन में मस्ती की छाई बहार, भगतो के मन में है खुशिया अपार. खेले गेतुम संग होली आई है बाबा
श्यामा थारा घूंघर वाला बाल,जीव मेरो भरमायो जी मदन गोपाल श्यामा थारा घूंघर वाला बाल…. शयामा थारा चंचल नैन विशाल,
रंग श्याम वाला मेरे ते चढ़ा दे रंग न कोई और चाहिदा, रंग देख लिए दुनिया के सारे, रंग न
दुःख दर्दो की मेरी कहानी तू जाने या मैं जानू दुनिया ते सारी है बैगानी तू जाने या मैं जानू
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर, ऐसे वार चले रे दिल पे नहीं अपनी खबर, कान्हा ले गई जिया