
कान्हा ले गई जिया
कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर, ऐसे वार चले रे दिल पे नहीं अपनी खबर, कान्हा ले गई जिया

कान्हा ले गई जिया तेरी बांकी नजर, ऐसे वार चले रे दिल पे नहीं अपनी खबर, कान्हा ले गई जिया

मैं खाटू में जाऊ गा फागन को आने दो, फागन को आने दो ॥ फागन का मेला होगा भगतो का

मेरे खाटू वाले की महिमा बड़ी निराली मुझे दर पे बुला ले तो मेरे श्याम बात बन जानी मेरे खाटू

झोली भर दयो जी सांवरिया थारे क्या को घाटों जी झोली भर दयो जी…………… तीन लोक की साडी पूंजी, बाबा

मेरे मन में बाबा श्याम मेरे तन में बाबा श्याम मेरे मन को तो भाया बाबा श्याम है मेरी नज़रों

देना हो तो दे दे बाबा क्यों ज्यादा तरसावे से, ना देना तो साफ़ नाट क्यों लख दातार कहावे से॥

हारा हु साथ नभावो बाबा, मुझको भी गले से लगाओ न बाबा, देने है हो मुझे अगर बाद में आंसू

चमत्कार है करता कलयुग में शक्ति शाली श्याम, चमत्कार को नमस्कार करने चल खाटू धाम, श्याम बड़े ग्यानी बाबा श्याम

संवारे की महफ़िल को संवारा सजाता है, किस्मत वालो के घर में श्याम आता है, गेहरा हो नाता बाबा का

जिस रथ पे बैठ श्री श्याम प्रभु बनडा बनकर मुस्काता है खुशियया उस और बरसती है ये जिधर जिधर भी