श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले,
श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले, मैं दुनिया से हार गया, मुझे दुनिया से क्या लेना
श्याम बाबा इस फागण में मुझे दर पे भुला ले, मैं दुनिया से हार गया, मुझे दुनिया से क्या लेना
घर घर सवारा आएगा श्याम नाम ही छाएगा, एक ही नारा एक ही नाम जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
मेरा इक साथी है बड़ा ही प्यारा है, नहीं कोई उस जैसा वो सबसे न्यारा है, प्रेमियों का प्रेमी बड़ा
जीवन भर गुणगान दीवाने गाऐंगे, हम हर ग्यारस को श्याम की ज्योत जगाऐंगे॥ ज्योत जगाते ये आ जाते ऐसा देव
छोड़ेगा ना हम तेरा दवार ऊ बाबा मरते दम तक, मरते दम नही अगले जनम तक,अगले जन्म नही सात जनम
फागण की रुत आई भक्तों में खुशहाली है, झूम रहा हर पत्ता पत्ता झूमें डाली हैं, रंग बिरंगे रंगों से
कुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे, तिरलोकी को नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।। सौ बीघा
सगळा हो जाओ त्यार आया फागुन का त्यौहार, बेगा हो जाओ त्यार आया फागुन का त्यौहार होगी त्यार मैं परिवार
सारे भक्तों के दिल से निकले बाबा की जयकार मेरे बाबा की जयकार शीश के दानी की जयकार सारे भक्तों
सुख हो या दुःख प्यारे जब भी बुलाएगा करले भरोसा बाबा दौड़ा दौड़ा आएगा सुख हो या दुःख प्यारे …………….