
जब से मिला दरबार
जब से मिला दरबार मुझे सबसे है मिला प्यार, खुश है मेरा परिवार बाबा ये सब तेरे चलते है, मैं

जब से मिला दरबार मुझे सबसे है मिला प्यार, खुश है मेरा परिवार बाबा ये सब तेरे चलते है, मैं

इक बार चले आओ सरकार चले आओ खाटू वाले चले आओ नीले वाले चले आओ, मेरे दिल में जो छाले

एहसान बड़ा है मुझ पर मेरे सरकार का, चलता है उनसे खर्चा मेरे परिवार का, अहसान बड़ा है मुझ पर

फागणिया की मस्ती में नाचागा गावागा, होली खेलन बाबा श्याम थारे खाटू आवागा रंग अमिर गुलाल मंगावा छोटी सी पिचकारी,

पधारो जी पधारो जी खाटू के राजा नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा है तेरे दर्शन को मन

ये ज़िंदगी मिली है दिन चार के लिये, कुछ पल तो निकालो बाबा के दरबार के लिये, कई पुण्य किये

सौप कर सँवारे को जीवन की डोर क्यों गबराहु मैं, तारे दिल का बांध के मैंने सँवारे से दिल का,

मैं भटक भटक के हारा तूने ऐसा दिया सहारा, मेरे सिर पर तेरा हाथ मैं क्यों गबरहु, मेरी मंज़िल तेरा

चाँद चढ़्यो गिंगनार,श्यामा कुछ तो दया बिचार दास थारो डीके छ जी डीके छ… सरे साँझ से द्वारे ठाडो बालक

म्हारा श्याम रंगीला पलका उघाड़ो,फागुन आ गया पलका उघाड़ो फागुन आगयो म्हारा श्याम रंगीला…. फागणियो रंगीलो महीनो, चंग सुरीला बाजे