फागुन आने में
फागुन आने में अभी बाकि है महीने चार, जन्मदिन आया है आएगा अब तो नया साल, नहीं कर सकती मैं
फागुन आने में अभी बाकि है महीने चार, जन्मदिन आया है आएगा अब तो नया साल, नहीं कर सकती मैं
म्हे गजरो लेकर आया,थे पहरो बाबा श्यामजी थे पहरो बाबा श्यामजी थे पहरो बाबा श्यामजी न्हाय धोई कर फुलड़ा लाया,हार,
तर्ज – चाँद चढ्यो गिगनार सुन लो जी सरकार मेरी, आयो थारे द्वार बाबा। तू ही पालन हार, साँवरा सुण
दो पंख दिए होते तो उड़ आता खाटूधाम । तेरी प्यारी सुरतिया ने मुझे घायल कर दिया श्याम ।। गर
दिल हो गया दीवाना खाटू श्याम का घर बन गया ठिकाना खाटू श्याम का किसी जन्म का शुभ फल पाया
आएगा जाने कब वो दिन बैठेंगे तेरे द्वार पर भजनो को हम सुनाएंगे बाबा मेरी विनती सुनो जाना न हाथ
फागण को मेलो आयो रंगीलो , खाटू नगरी सजगी माहने प्यारी लागे, प्यारी लागे जी महाने प्यारी लागे भगत रंगीला
मैं निर्धन तू सेठ साँवरा के फायदा इस यारी का, बता कद ताला खोलेगा बाबा बंद किस्मत म्हारी का, तेरे
दीनानाथ माहरी बात तूने ही सवारी रे, माहरो गिरघारी तू तो माहरो है मुरारी रे, टूटीइया फुटिया भाग लेके थारे
पधारो जी पधारो जी खाटू के राजा, नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा, है तेरे दर्शन को मन