
जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा
थाम लो न हाथ मेरा सांवरे, हार कर दरबार तेरे आया हु, जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा, मन में

थाम लो न हाथ मेरा सांवरे, हार कर दरबार तेरे आया हु, जीत जाउगा तेरी जो हो किरपा, मन में

खाटू वाले बनाले मने अपना सरवेंट, मने अपना सरवेंट बाबा परमानेंट, सारा हो दिन तेरा भवन पुहारु, चन्दन की चोंकी

देखूँ तेरी बाट अटर चढ़के, आजा आजा मेरे श्याम घोड़े पे चढ़के, कोरा कोरा घड़वा गंगा जल पानी , गंगा

छोड़ सिंहासन दौड़ा आया मेरा बाबा श्याम काम किया मेरे सांवरिया ने हो गया मेरा नाम… चिंता जब कोई मुझे

आज मेरे बाबा को किस ने सजा दियां, सोहने से मुखड़े पे टिका लगा दियां, आज मेरे बाबा को किस

जय तीन बाण के धारी खाटू के श्याम मुरारी, जद भी है हारे का साहरा लीले घोड़े सवारी, जय तीन

मैंने अर्जी लिखदी बाबा तेरे दरबार में बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में, इस अर्जी में लिखा है

इ ठाड़े गाढे श्याम ने मनाऊ कइया, मनाऊ कइया, समझाऊ कइया इ ठाड़े गाढे श्याम ने….. रंग रंगीलो छैल छबीलो,

मन में एक आस है बाबा तू पास है करले मंजूर अर्जी तुझपे विस्वाश है हारी हु न हारुगी जब

श्याम धनि मेरा श्याम धनि भर भर लुटावे भगता पे मनी, भर भर लुटावे भगता पे मनी,श्याम धनि मेरा श्याम