सच केहता हु किस्मत बुलंद हो गई
बात बताऊ अपनी जब से श्याम शरण में आया, जो न सोचा था सपने में वो सब याहा से पाया,
बात बताऊ अपनी जब से श्याम शरण में आया, जो न सोचा था सपने में वो सब याहा से पाया,
सुनी सुनाई बात नहीं अपना अनुभव बतलाता हूँ जबसे जुड़ा हूँ इस दरबार से बैठा मौज उड़ाता हूँ किस्मत वाला
बड़ा अच्छा लगता है खाटू वाला दिल लगाना तुझे रिझाना संवारे तुम ने ही तो दे दिया है बिन मांगे
कद तू आवेगों कद तू आवेगो, अधीर हुआ भगता ने कद तू धीर बंधावे गो कद तू आवेगों कद तू
आ गई ग्यारस की ये रात भजनो की है सोगात रंग बिरंगे फूलो से सजा बाबा का दरबार माखन मिश्री
जग में निराली प्रभु शान आप की सब को नही है प्रभु पहचान आप की जग में निराली प्रभु शान
धुन- क्या मिलिए ऐसे लोगों से इस बेदर्द ज़माने का, अब रहा मुझे एतबार नहीं l यार मेरा है श्याम
धाम खाटू में जब तुम आओगे चरणों में बाबा के शीश जुकाओ गे, श्याम बाबा के धाम जो आओ गे
सच्चे हिरदये से श्याम का सुमिरन किया करो जी भर के श्याम नाम का प्याला पीया करो दिन रैना सब
श्याम जैसा और कहाँ भक्तो का दीवाना कैसे करे साँवरिया बोलो तेरा शुकराना मेरी ज़िन्दगी सवारी मुझको गले लगाके बैठा