
आओ भगतो चलो चलें खाटू नगर
आओ भगतो आओ भगतो चलो चलें खाटू नगर श्याम के दर, मेरा मन मचला जाए बीत ना जाए, बीत न

आओ भगतो आओ भगतो चलो चलें खाटू नगर श्याम के दर, मेरा मन मचला जाए बीत ना जाए, बीत न

भीगी पलकों तले सेमी ख्वाइश पले, मंजिले लापता श्याम कैसे चले, ऐसे में सँवारे तू बता क्या करे गावह अब

अपने दिल का हाल सुनावन आयां हां म्हें तो म्हारा श्याम ने रिझावन आया हां भजन सुणास्यां महिमा गास्यां, श्याम

खाटू में एक रहता मुरली वाला, रूप सलोना रंग है जिसका काला, नैन कजरारे है लट घुंगराले है, श्याम सूंदर

जिस के घर में खाटू वाले की तस्वीर लगाई जाती है, जिस घर में नीले वाले की नित जोत जगाई

रंग बरसे खाटू नगरिया में रंग बरसे हो रंग बरसे खाटू नगरिया में रंग बरसे आये है भगत बनाकर के

( तर्ज – यहां वहां सारे जहां में..) यहां वहां हर इक कण कण में मेरा श्याम है, खाटुवाले श्याम

तेरी गोद में सर है मेरे श्याम, अब मुझको क्या डर है मेरे श्याम, ये दुनिया नजरे फेरे तो फेरे,

दुनिया में दातार बहुत हैं दिखलाते दातारि छोटा मोटा माल कमाकर बन बैठे व्यापारी सेठों का सेठ खाटू वाला अपना

कीर्तन की है रात बाबा आज ठाणे आणो है । थारे कोल निभानु हे दरबार सावरिया, ऐसो सजो प्यारो, दयालु