श्याम धनी दरबार चलो जी खाटू के दरबार चलो जी
श्याम धनी दरबार चलो जी खाटू के दरबार चलो जी, जय श्री श्याम जय श्री श्याम बोलते जय जय कार
श्याम धनी दरबार चलो जी खाटू के दरबार चलो जी, जय श्री श्याम जय श्री श्याम बोलते जय जय कार
दुःख का बादल जब जब मुझपे छा गया, नीले घोड़े चढ़ कर बाबा मेरा आ गया, जब जब संकट आया
श्याम चरणों में तेरे बंदगी मैं करू बन के दीवाना तेरा दर बदर मैं फिरू तू ही सांसो में रमा
जब फागण मेला आए, श्री श्याम ध्वजा लहराए, कोई ये तो बताए, मुझे ये क्या हुआ है, मेरा दिल क्यूँ
हारे के सहारे बेटा पुकारे दुःख में घडी में ना तुम दामन छुड़ाना ओ खाटू वाले दुखिया पुकारे दुःख की
बस यही अरदास मैं हर साल करता हूँ खाटू आऊँ फागण में ये आस करता हूं जय बाबा थारी, जय
मैं तो चली रे खाटू मिलने श्याम से, मैं तो चली मैं तो चली मैं तो चली रे खाटू मिलने
आयो फागुन रंग रंगीलो भरियो खाटू धाम में मेलो आवे लाखो ही नर नारी रंग हाथ में ले पिचकारी मेला
नैन से नैन अब तो मिलाओ, कब तलक हम से बचते रहोगे, हम चुरा लेंगे दिल को तुम्हारे, कब तलक
झूठी गर्दन हिलाते हो कीर्तन में क्यूं , भक्ति करने को सच्चा जिगर चाहिए , खींचा दौड़ा – चला आएगा