दर दर हुये भटको को
दर दर हुये भटको को दर पे तुम भुलाते हो थक हार के आता है जो सीने से लगाते हो,
दर दर हुये भटको को दर पे तुम भुलाते हो थक हार के आता है जो सीने से लगाते हो,
मरते दम नहीं, अगले जनम तक, अगले जनम नहीं, सात जनम तक, सात जनम नहीं, जनम जनम तक, छोड़ेंगे ना
नीले पे बेठियो बाबा श्याम लागे बंडो सो, किसे सांवरिया थारा मुकट गरडया बाबा मुकट गरडया, चेहरे पे जाऊ बलिहार
खाटू नगरी श्याम बुलाये दौड़े दौड़े जाये हमें क्या हो गया है ख़ुशी मनाये मंगल गाये सवेरा हो गया, ओ
प्रभु प्रेम बनाए रखना, चरणों से लगाए रखना एक आश तुम्हारी है, विशवाश तुम्हारा है तेरा ही भरोसा है, तेरा
लीले पे चढ़कर मेरा श्याम आएगा, आकर के दरबार में मोरछड़ी लहराएगा, सजा दरबार बड़ा आला, आएगा अब खाटू वाला,
तेरे दर पे मैं आई हूँ श्याम मेरा साथ निभाना पड़ेगा ठोकरें जग की खाई बहुत मुझे पार लगाना पड़ेगा
मेरे सँवारे मेरे सँवारे मेरे साँवरे तूने ही खाली झोली भरी है, झोली में सारी खुशिया भरी है मेरे सँवारे,
सुबह को मेरी आँख खुले तो शाम समने आ जाना, शाम को सोने से पहले बस इक झलक दिख जा
थारी नगरी में साँवरिया, नाँचू दोनू आँख्या मीच, ओ दोनू आँख्या मीच, साँवरा दोनू आँख्या मीच, थारी नगरी में साँवरिया,