
तेरी मर्जी का मैं हूँ गुलाम खाटू वाले श्याम
तेरी मर्जी का मैं हूँ गुलाम खाटू वाले श्याम लीले वाले श्याम लीले पे असवार हो आते, अपने भगतो की

तेरी मर्जी का मैं हूँ गुलाम खाटू वाले श्याम लीले वाले श्याम लीले पे असवार हो आते, अपने भगतो की

मेरे तन मन मेरे जीवन में मेरे पास रहो, शीश के दानी सारी उम्र मेरे साथ रहो, लखदातार सारी उम्र

नाम हो गया है मेरा नाम हो गया है, इस जीवन का मालिक जबसे श्याम हो गया है, नाम हो

ओ खाटू वाले,श्याम निराले, गले से लगा ले हमको अपना बना ले, बाबा हमारी बिगड़ी बना दे , जीवन मे

सज गई खाटू नगरी शोभा अपरम पार है बैठा सज धज के देखो मेरा लखदातार है उमड़ी जन्म दिवस पर

बाबा मैं हर जन्म तेरा ही दास बनू, तेरी चोकठ की सेवा बाबा दिन रात करू, बाबा मैं हर जन्म

मतलब की इस दुनिया से मुझको नफरत है, ओ सँवारे मुझे तेरी जरुरत है, जैसे जैसे काम किये तूने मेरे

चल श्याम धणी के द्वार रंगीला फागुण आया है, वहा श्याम है लखदातार रंगीला फागुन आया है, हाथ निशान उठा

श्री श्याम धनी का तू होजा क्यों वर्थ उमर ये गवाता है, कुछ भी न संग तेरे जाना सब माल

कैसे बीते इतने दिन पूछो मेरे दिल से समझाया इस को मैंने खुद ही बड़ी मुश्किल से एक बार देख