ओ खाटू वाले श्याम तुम्हारा क्या कहना
माँ एहलवती के प्यारे,भगतो की आँख के तारे, ओ नीले के असवार तुम्हारा क्या कहना, ओ खाटू वाले श्याम तुम्हारा
माँ एहलवती के प्यारे,भगतो की आँख के तारे, ओ नीले के असवार तुम्हारा क्या कहना, ओ खाटू वाले श्याम तुम्हारा
मैं हु तेरा ऐसा भिखारी पड़ा रहू बस तेरे द्वार और कहा मैं जाऊ संवारे कौन करेगा ऐसे पयार मैं
श्याम प्रेमियों के ऊपर इक नशा अजब सा छा गया फागण का मेला आ गया मेरे श्याम का मेला आ
खाटू आना जाना जब से बढ़ गया, श्याम प्रेम का मुझपे भी रंग चढ़ गया, रंग चढ़ गया रंग चढ़
श्याम तू बेगो आए हो ,श्याम तू बेगो आए हो, टाबरिया तने खड्या उडीके ,नाको पियाये हो.. श्याम तू बेगो
सांवरियां ये दिल तुझे पुकारे सुबहो शाम आठो याम, मंगलवार रहे दरबार सजे, मेरा श्याम सजे सिंगार सजे, बाबा की
दुनिया से हार के मैं दरबार तेरे आया तूने हमेशा बाबा हारो का अपनाया दुनिया से हार के मैं दरबार
मेरे कान्हा मुझे तूने इतना दिया, मेरे बाबा मुझे तूने इतना दिया, अब कैसे करू मैं तेरा शुकरियाँ, है ये
चलो मेरे यार चलो रे श्याम दरबार चलो रे, मेनू चलना तेनु चलना, हिल मिल के सगे चलना, चलो मेरे
बात ये बिलकुल सही है जानता जहान है हारो का हर दम सहारा खाटू वाला श्याम है, श्याम का साया