चालो चालो साथीड़ो खाटू धाम रे
चालो चालो साथीड़ो खाटू धाम रे, झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे, ओ मनड़ो लागे ना होवे कोई काम
चालो चालो साथीड़ो खाटू धाम रे, झाला देवे मंदिर में बैठ्यो श्याम रे, ओ मनड़ो लागे ना होवे कोई काम
दुनीयाँ पे संकट आयो मंदिर भी हुयो परायो, जो हुयो ना अब तक बाबा तू ऐसो खेल रचायो, तू आजा
तेरे बिन सांवरिया भक्तों का दिल न लगाएगा तू जो खफा हुआ तो तू जो जुड़ा हुआ तो भक्त ना
मेरे सांवरिया गिरधारी,मैंने कर ली सब तैयारी खाटू आने की…..खाटू आने की… सबसे पहले मैंने बाबा एक निशान सिमाया जिसके
जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान, वो खाटू में रहता है सब कहते बाबा श्याम, जिसके कारण है मेरी
बिन मांगे देता है जो दुनिया से न्यारा है, उस दाता को भजता हूँ मेरा वो श्याम प्यारा है धन
दुखो से उबरना तुम्ही ने सिखाया पड़ी मुश्किलें ज अब तुमने ओ बाबा मेरे हौंसले को हमेश बढ़ाया दुखो से
एक बार नज़र तू कर दे, मेरी ओर हे खाटू वाले, बाबा गुम हो गई चाबी, लगे हैं तकदीर में
कर दो बेड़ा पार, शरण हम आए हैं, आए है श्याम आए हैं, आए हैं श्याम आए है, कर दो
जब जब इसे पुकारा, कान्हा ने दिया सहारा, यह दूर नहीं हमसे,बस यद् करो इसे मन से, कन्हैया तो हमारा