
चल खाटू रे फागण के मेले में
अरे चल खाटू चल खाटू रे, चल खाटू चल खाटू रे फागण के मेले में, चल हाथ ध्वजा उठाये धाम

अरे चल खाटू चल खाटू रे, चल खाटू चल खाटू रे फागण के मेले में, चल हाथ ध्वजा उठाये धाम

मेंहदी लगवालो जी मिलकर,सारे श्याम नाम की किरपा हो जाएगी पल भर माही,बाबा श्याम की

श्यामा श्याम सलोनी सूरत पे सिंगार बसंती है, सिंगार बसंती है गले का हार बसंती है, तन पर बाबा खूब

श्याम तेरी छवि से प्यारी पूजे यो दुनिया ये सारी, आवे से सारे तेरे द्वार पे, सच्चे मन से बाबा

ॐ जय श्री श्याम हरे ओ बाबा जय श्री श्याम हरे खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ॐ जय श्री

मेरे बाबा श्याम को बुलाकर के तो देख उनको अपने हाथों से सजा कर तो देख मेरे बाबा श्याम को

ज़िंदगी श्याम की अमानत है, सांवरा करे हिफ़ायत है, ज़िंदगी श्याम की अमानत है, रिश्तो की कीमत समझना जरुरी, इनके

मेरा बाबा खाटू वाला खोले किस्मत का ताला, जो दर पे आया उसका बेडा पार हो गया, ये वीर बली

सारे देवताओं में है बांटने की होड़ जी, तोड़ नहीं पाया कोई श्याम का रिकॉर्ड जी, सारे देवताओं में है

खुशियों से झोली भरी ज़िंदगी ये संवर सी गई और कुछ ना तमन्ना मेरी मुझे श्याम चौखट तेरी मिल गई