
पलके ही पलके बिछायेगे
पलके ही पलके बिछायेगे जिस दिन श्याम प्यारे घर आएंगे, हम तो है कान्हा के जन्मो से दीवाने भी मीठे

पलके ही पलके बिछायेगे जिस दिन श्याम प्यारे घर आएंगे, हम तो है कान्हा के जन्मो से दीवाने भी मीठे

फागुन का ये शुभ दिन आया चल बाबा के द्वारे द्वारे जाके करले तू अपने अब वारे न्यारे दर्शन करलो

साथी सच्चा यार है मेरा सांवरा, दानी दिलदार है मेरा सांवरा सुख दुःख में रहता हरपल ये साथ साथ है,

मेलो श्याम धनि को लागे भगतो सूरजगढ़ के माये, सूरजगढ़ श्याम के मंदिरए के माये, मेलो श्याम धनि को लागे

वो जो खाटू में विराजे बाबा श्याम चलो जी पिया दर्श करें, उनकी गोदी में मिले हैं आराम चलो जी

मतना नाटो जी सवारियां ईब तो खोल तेरो भंडार त्यौहारा में सबसे बड़ो म्हारो फागण को त्यौहारा मतना नाटो जी………….

प्रेमी कभी यार कभी मेरा बाप बन जाता मुझे जिसकी हो दरकारी अपने आप बन जाता प्रेमी कभी यार ……………..

फागुन मेला आया है मैं भी खाटू जाउगा, खाटू जाउगा बाबा ने निशान चड़ाउगा फागुन मेला आया है मैं भी

हावड़ा से चलकर भगतो के संग खाटू हम भी जाएगे, ईब के फागण मे ठानी खाटू मे होली मनाएगे, किया

बोलो जी बोलो – श्याम बाबा की जय जय कार बोलो जी बोलो लीले वाले की जय जय कर बोलो