
ओ जी ओ अलबेला महारा
ओ जी ओ अलबेला महारा सांवरिया थारा दास पुकारे बेगा बेगा आओ जी सांवरा ओ जी ओ अलबेला…….. मकराणे को

ओ जी ओ अलबेला महारा सांवरिया थारा दास पुकारे बेगा बेगा आओ जी सांवरा ओ जी ओ अलबेला…….. मकराणे को

श्याम दीवानो की इस जग में शान निराली है, जाकर देखो उनके घर में रोज दिवाली है, सब कुछ आजमाया

थारे रे दरबार बाबा चाकर मैं बन जावा जी, मैं नित उठ दर्शन पावा जी, थारे रे दरबार बाबा चाकर

हम लाडले खाटू वाले के, हमे बाबा लाड लड़ाता है, होते है हम मायूस कभी ये मोरछड़ी लेहराता है जे

दर्शन में पाऊंगी तुमको मनाऊंगी, आ जाओ सांवरिया अपना बनाऊंगी, दर पर मैं करती हूं पुकार ओ मेरे खाटू वाले,

सांवरा श्याम सांवरा सारा जहां तेरा वंवारा करने दर्शन को कई धाम मैं गया, मंदिर न्यारा बस पाया सांवरिया तेरा,

श्याम ने है सब कुछ दिया, अब तो मांगू यही खाटू धाम खाटू धाम रहते श्याम मेरा घर हो वही,

क्या कहना मेरे बाबा के दरबार का, सुन के आया मैं आया नाम खाटू श्याम का, क्या कहना मेरे बाबा

जैसा चाहे मुझे समझना बस तुझसे है बाबा इतना कहना, मांग ने की आदत जाती नहीं बाबा, तेरे आगे लाज

मेरे श्याम तेरा मुस्काना सब घायल करे जमाना, सारे जग में शोर मचा है खाटू का सेठ निराला, तू चल